अखण्ड स्वास्थ्य शरीर रचना🌹

 

*अखण्ड स्वास्थ्य*                *अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230    *शरीर रचना*   🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है ।  🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है ।  🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं ।  🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है ।  🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है ।  🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है ।  🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है)  🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है ।  🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है ।  🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है ।  🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है ।  🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है ।  🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है ।  🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है ।  🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है ।  🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है ।  🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं ।  🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है ।  🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है ।  🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं ।  🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है ।  🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है ।  🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है ।  🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है ।  🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।   🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है ।  🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है ।  🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का ।  🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का ।  🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है ।  🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की ।  🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के ।  🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं ।  🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है ।  🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है ।  🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है ।  🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है ।  🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है ।  ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।   *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* ।  👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।   👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है ।  🙏🙏🙏

*अखण्ड स्वास्थ्य*

         

अखण्ड स्वास्थ्य*           *अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230         *शरीर रचना*   🌹 *मुख*

  

    *शरीर रचना*

 🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है ।

*अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230


🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है ।

*अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230


🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं ।

🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है ।

*अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230


🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है ।

🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है ।

अखण्ड स्वास्थ्य*          *अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230          *शरीर रचना*   🌹 *मुख*


🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है)

🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है ।

*अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230


🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है ।

*अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230


🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है ।

*अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230


🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है ।

*अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230


🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है ।

अखण्ड स्वास्थ्य*          *अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230          *शरीर रचना*   🌹 *मुख*


🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है ।

🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है ।

अखण्ड स्वास्थ्य*             *अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230       *शरीर रचना*   🌹 *मुख*


🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है ।

🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है ।

🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं ।

🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है ।

🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है ।

अखण्ड स्वास्थ्य*            *अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230        *शरीर रचना*   🌹 *मुख*


🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं ।

अखण्ड स्वास्थ्य*          *अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230          *शरीर रचना*   🌹 *मुख*


🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है ।

अखण्ड स्वास्थ्य*           *अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230         *शरीर रचना*   🌹 *मुख*


🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है ।

अखण्ड स्वास्थ्य*          *अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230          *शरीर रचना*   🌹 *मुख*


🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है ।

अखण्ड स्वास्थ्य*           *अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230         *शरीर रचना*   🌹 *मुख*


🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है ।

*अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230


🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।

*अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230


 🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है ।

*अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230


🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है ।

अखण्ड स्वास्थ्य*          *अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230          *शरीर रचना*   🌹 *मुख*


🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का ।

अखण्ड स्वास्थ्य*              *अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230      *शरीर रचना*   🌹 *मुख*


🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का ।

*अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230


🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है ।

*अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230


🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की ।

अखण्ड स्वास्थ्य*         *अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230           *शरीर रचना*   🌹 *मुख*


🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के ।

🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं ।

*अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230


🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है ।

*अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230


🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है ।

*अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230


🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है ।

*अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230


🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है ।

🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है ।

*अखण्ड स्वास्थ्य*                  *शरीर रचना*  🌹 *मुख* - किसान है जो आहार तैयार करता है । 🌹 *जीभ*  - उसकी सहायक कर्मचारी है जो खेत जोतती है । 🌹 *दांत* -  उसके हल है जो अन्न को बोते हैं । 🌹 *दाढ़* - उसकी चक्की है जो अन्न को पीसती है । 🌹 *गला* - उसका भोजनालय द्वार है जो भोजन को पेट में पहुंचाता है । 🌹 *पेट* - रसोई है जहां भोजन पकता है । 🌹 *यकृत* - लीवर रसोईया है जो भोजन को पकाता है (यानी रस बनाता है) 🌹 *पित्ताश्य* -  मसाला दानी है जो उसमें पित्त मिलाता है । 🌹 *अग्नाशय* - भट्टी  है जहां से अग्नि मिलती है । 🌹 *आंते* -  मुख है जो भोजन को ग्रहण करती है । 🌹मलाशय -  कूड़ा दान है जहां कचरा इकट्ठा होता है । 🌹 *रक्त* - शुद्ध भोजन है जो शरीर कोषों का पोषण करता है । 🌹 *हृदय* - परोसने वाला कर्मचारी है जो सब तक रक्त रूपी भोजन पहुंचाता है । 🌹 *धमनिया* - मार्ग है जिससे भोजन पहुंचया जाता है । 🌹 *फेफड़े* - खिड़कियां है जिससे शुद्ध वायु घर में आती है । 🌹 *रीढ़* -  बिजली का खंबा है जिस पर ट्रांसफार्मर लगा कर तार   जोडे जाते है । 🌹 *चक्र* ट्रांसफार्मर है जो विभिन्न संस्थानों को विद्युत सप्लाई देते हैं । 🌹 *नाड़ी संस्थान* -  तार की लाइनें हैं जिससे विद्युत आपूर्ती होती है । 🌹 *मांसपेशियां* -  क्रेन है जो सामग्री को उठाने का कार्य करती है । 🌹 *आंखें* - हेड लाइट व कैमरा है जिसमें शरीर रूपी गाड़ी चलती है तथा दृश्य रिकॉर्ड होते हैं । 🌹 *कान* - संदेश ग्रहण यंत्र (रिसिवर) है जिससे संदेश प्राप्त होता है । 🌹 *नाक* - एयर कंडीशनर व एयर फिल्टर है, जो तापक्रम को ठीक रखते हैं व वायु को छानते है । 🌹 *अंगुलियां* हुक है, जो पकड़ने का काम करती है । 🌹 *मस्तिष्क* -  कंप्यूटर रूम है , जहां सूचनाएं इकट्ठी रहती है तथा उनका आदान प्रदान होता है । 🌹 *गुदा* - सीवर लाइन है जहां से रद्दी सामान बहता है ।  🌹 *गुर्दा* - सफाई कर्मचारी है जो रक्त की  सफाई करता है । 🌹 *मुत्राशय* - नाबदान है । जहां बेकार पानी भरता है । 🌹 *होंठ* - मुख्य द्वार है शरीर रूपी घर में जाने का । 🌹 *पैर* - पहिया है शरीर रूपी गाड़ी को चलाने का । 🌹 *नाभि* शरीर रूपी गाड़ी का मुख्य धूर्रा व अग्निकुंड का मुख्य भाग  है । 🌹 *यौनांग* - फैक्ट्री है नई मशीन बनाने की । 🌹 *घुटने* - गियर बॉक्स है शरीर रूपी गाड़ी के । 🌹 *कोष* (शैल) इस शरीर रूपी घर में रहने वाले सभी सदस्य हैं । 🌹 *प्राण* - विद्युत शक्ति है जिससे शरीर चलता है प्रकाशित होता है । 🌹 *जीवनी शक्ति* - गृहणी है जो घर के सारे कार्य करती है । 🌹 *मन* - इस शरीर का संचालक घोड़ा है । 🌹 *बुद्धि* - इस शरीर की सारथी है । 🌹 *आत्मा* - शरीर पर सवार यात्री है । ☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।  *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* । 👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।  👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है । 🙏🙏🙏 अशोक साहेब दरभंगा बिहार 6283827230


☝️ आत्मा रूपी सवार के उतरते ही , बुद्धि रूपी सारथी व मन रूपी घोड़ा भी शरीर रूपी गाड़ी से अलग हट जाते हैं व आत्मा रूपी राजा के साथ चले जाते हैं ।

 *हे मानव यही सत्य है तुम्हारी इस काया का* ।

👉ऐसा कोई सुख भोग नहीं ।

 👉जिसके पीछे कोई दु:ख रोग नही है ।

🙏🙏🙏